सोमवार, 24 अगस्त 2020

वल्लाह क्या बात है (1962)

निर्देशन: हरि वालिया
निर्माताः हरि वालिया
कहानीः मनोहर सिंह सहराय
अभिनय: शम्मी कपूर, बीना राय, निशी, अभि भट्टाचार्य, के. एन. सिंह, मुमताज, मोहन चोटी, मारुति
गायन: आशा भोसले, मोहम्मद रफी, मन्ना डे
गीत: आनन्द बक्शी
संगीत: रोशन

इस फिल्म में शम्मी कपूर और बीना राय मुख्य भूमिका में है। बेराजगार कुन्दन की माँ भूख और बीमारी से मर जाती है। तब वह कसम खाता है कि आज के बाद किसी माँ को इस तरह से मरने नहीं देगा। लेकिन जब कोई नौकरी नहीं मिली तो गरीबों की मदद करने के लिए जुआ खेलकर पैसे कमाने लगा। रीना (बीना राय) खोजी प्रेस रिपोटर है। 

मुमताज का फिल्म में बहुत छोटा-सा रोल है। 14-15 वर्ष की माला (मुमताज) केले बेचती है। ऐसे में कई मनचले उसे छेटते भी है, पर माला का सारा ध्यान केले बेचने पर ही रहता है। 


दृश्य 1 


मारुति  -- आह-हा हा, इस तड़पती धूप में भयानक गर्मी में तुम काए को अपने को तकलीफ देता है। अपने से देखा नहीं जाता।
माला -- क्या देखा नहीं जाता बाबू?
मारुति -- आए हाए। कितनी शर्मिली हो। जी चाहता है बलाएँ ले लूँ।
माला -- तो ले लो ना बाबू।
मारुति -- आए हाए। इस सादगी पे कौन न मर जाए, ऐ खुदा। (रुककर) केले वाली, केले वाली! एक बात पूछूँ।
माला -- हूँ! पूछो ना बाबू।
मारुति -- अरी पगली, तू शादी क्यों नहीं कर लेती। ये रोज-रोज का लफड़ा ही खत्म हो जाएगा। मन भर का बोझा उठाए-उठाए घूमती हो, अच्छा लगता है तुम्हें?
माला -- दैया रे दैया! लाज नहीं आती बाबू तुम्हें?
मारुति -- लो सँभाल ले, लाज...

(एक दूसरा आदमी बीड़ी फूँकता हुआ आता है और कहता है) -- केलेवाली।



माला -- क्या चाहिए बाबू?
दूसरा -- दो दर्जन केले।
(माला केले निकालती है। दूसरा आदमी उसके बटुए पर हाथ मारता है। मारुति उसे लात मारता है और उसे पकड़कर मारता है। भीड़ इकट्टा होकर उसे मारती है।  माला भी उस पर केले फैंककर उसे मारने की कोशिश करती है। भीड़ से बचकर वह आदमी भाग कर कुछ दूर जाकर बैठ जाता है।  थोड़ी देर में मारुति भी आ जाता है।)

मारुति -- क्यों बेटा क्या हाल है?
दूसरा -- अरे छोड़ यार तू बड़ा गाड़ीबाज है। तुझसे बात करना बेकार है। अरे कमबख्त इतना मारता है, मारते-मारते अंजर-पंजर ढीले कर दिए।
मारुति -- ह ह ह हा...। ए सी.आई.डी का जाँब इतना सस्ता नहीं है। मार तो मार कभी जान भी देनी पड़ती है।

(माला भी वहाँ पहुँचती है और मुँह बनाकर चल देती है)

दूसरा -- ठीक है मगर कुछ तो ख्याल करना चाहिए।


दृश्य 2


माला -- केलेवाली बाबा, केला।

(मोहन चोटी और मारुति दौड़कर आते है)

चोटी -- केलेवाली, आठ आने के केले देना।
मारुति -- (मुह बनाकर) केलेवाली आठ आने के केले देना । (चुटकी मारकर) एक रुपये के केले देना।
चोटी -- दो रुपये के केले देना।
मारुति -- तीन रुपये के केले देना।
चोटी -- चार रुपये के केले देना।
मारति -- पाँच रुपये के देना।
चोटी -- छह रुपये के देना।
मारति -- सात।
चोटी --आठ।
मारति -- नौ।
चोटी -- दस। बस-बस। सारे केले कितनी कीमत के है।
माला -- बाबू पूरे बीस रुपये के।



मारति -- ये ले। नहीं बेटा इक्कीस रुपये।

(माला उसे सारे केले देकर चली जाती है।

मारुति -- (चोटी को पकड़कर) बेटा!
चोटी -- हाँ।
मारुति -- ये बोलियाँ यूँ ही लगा रहे थे कि जेब में कुछ माल-वाल भी है।
चोटी -- पार्टनर, (पैंट की दोनों जेब बाहर निकालकर) बैंक बैलेंस एक दम निल है।



दृश्य 3


(माला चलते-चलते आवाज लगा रही है -- केलेवाली बाबा, केला। फिर केले की टोकरी रखकर एक लकड़ी की गाड़ी पर बैठ जाती है। चोटी चुपके से आकर उसके कानों में सीटी मारता है।)


चोटी -- तुम्हारा आवाज सुनकर हमारा हार्ट (हाथ से इशारा करता है)
माला -- (मुसकराकर) केले खरीदोगे।
चोटी -- ओ, वाई नाट।
माला -- आज माल कम बिका है। एक आने के पाँच दूँगी।
चोटी  -- वेलकम। अपन को एक आने का दो भी चलेगा। मीन टू।
माला -- तो ला एक आना।



चोटी -- ओह, वाट। क्या अपुन का एक आने का भी इज्जत नहीं है। माला, तुम एक आना लेकर क्या करेगा। मेरे को देखो ना।

दृश्य 4


माला और मारुति पार्क में बैठे है। तभी मारुति उठकर भागता है।




गीत


वल्लाह क्या बात है, में कुल नौ गीत है। परन्तु दो गीत अधिक लोकप्रिय है।

गमे हस्ती से बस बेगाना होता


गायक - मोहमम्द रफी



गम-ए-हस्ती से बस बेगाना होता
खुदाया काश मैं दीवाना होता।
गम-ए-हस्ती से बस बेगाना होता

चली आती कयामत अंजुमन में
गुलों को आग लग जाती चमन में
अलग बैठा
अलग बैठा कोई मस्ताना होता
खुदाया काश मैं  दीवाना होता।
गम-ए-हस्ती से बस बेगाना होता

जो देखा है सुना है जिन्दगी में
वो बनके दर्द रजा जाता ना जी में
फकत एक ख्वाब 
फकत एक ख्वाब एक अफसाना होता
खुदाया काश मैं दीवाना होता।
गम-ए-हस्ती से बस बेगाना होता

उसी दीवानगी में बेखुदी में
न खुलती आँख सारी जिन्दगी में
सदा गर्दिश में
सदा गर्दिश में एक पैमाना होता
खुदाया काश मैं दीवाना होता।
गम-ए-हस्ती से बस बेगाना होता
खुदाया काश मैं दीवाना होता।

खनके तो खनके क्यों खनके


गायक - मोहमम्द रफी, आशा भोसले

 


आशा --  खनके तो खनके क्यों खनके, जब रात को चमके तारे
     मेरा कंगना हाय, हायरे मेरा कंगना
रफी -- अरे समझो तो समझो यूँ समझो, ये हम को करें इशारे
     तेरा कंगना हाए, हायरे तेरा कंगना

आशा --  कंगना थामूं, पायल बोले, आँऊ कौन बहाने से
     आँऊ कौन बहाने से, एय
रफी -- जिन को मिलना है यारों से डरते नहीं ज़माने से
     डरते नहीं ज़माने से
     रोके तो दुनिया क्या रोके
     ओ रोके तो दुनिया क्या रोके, जब हम है प्यार के मारे
     तेरा कंगना हाय, हायरे तेरा कंगना
आशा --  खनके तो खनके ...

तिडिर ताडिला लिडिलर लिडिलर तिडिर तडिला होइ होइ

रफी -- आये जवानी जब मस्तानी, रोके लाज के पहरे ना
     रोके लाज के पहरे ना, होइ
आशा --  घूंघट के पट खुल खुल जाये सर पे आंचल ठहरे ना
     सर पे आंचल ठहरे ना
     सोचे तो सोचे क्या सोचे,
     अरे सोचे तो सोचे क्या सोचे, जब नैन मिले मतवारे
     मेरा कंगना हाए, हायरे मेरा कंगना
रफी -- अरे समझो तो समझो  ...

आ अ आ अ आ, ओ ओ ओ ओ ओ

आशा --  प्यार है धोखा जाने दुनिया, फिर दिल धोखा खाए क्यों
     फिर दिल धोखा खाए क्यों, ओ ओ
रफी -- तू ही बता दे देख के हम को नज़र तेरी शरमाए क्यों
     नज़र तेरी शरमाए क्यों
     सरके तो सरके क्यों सरके
     अरे सरके तो सरके क्यों सरके, आंचल तेरे सर से प्यारे
     तेरा कंगना हाए, हायरे तेरा कंगना
आशा --  खनके तो खनके ...

तिडिर ताडिला लिडिलर लिडिलर तिडिर तडिला होइ होइ।


रविवार, 23 अगस्त 2020

स्त्री (1961)

निर्देशन: व्ही. शान्ताराम 
अभिनय: व्ही. शान्ताराम, सन्ध्या, राजश्री, मुमताज 
गायन: लता मंगेशकर, आशा भोसले, महेन्द्र कपूर, मन्ना डे
गीत: भरत व्यास 
संगीत: सी. रामचन्द्रन

महाकवि कालिदास के प्रसिद्ध नाटक अभिज्ञान शाकुन्तलम् पर आधारित फिल्म स्त्री में व्ही. शान्ताराम और उनकी पत्नी सन्ध्या मुख्य भूमिका में है। कण्व ऋषि आश्रम के आश्रम में रहने वाली अनेक कन्याओं में मुमताज भी है।
एक दृश्य में जब भँवरा शकुन्तला को परेशान करता है, उस समय मुमताज भी अन्य लड़कियों के साथ डर के इधर-उधर भागती है और गिर पड़ती है। राजा दुश्यन्त भँवरे से शकुन्तला की रक्षा करते है और शकुन्तला के रूप से मोहित हो जाते है। तब मुमताज दोनों को छेड़ती है। 


शकुन्तला के विवाह के बाद आश्रम से विदाई के समय भी मुमताज आश्रम की अन्य लड़कियों के साथ मिलकर शकुन्तला को रो-रोकर विदा करती है।


मुमताज ने 1963 व्ही. शान्ताराम और सन्ध्या के साथ एक और फिल्म, सेहरा में भी काम किया। मुमताज ने राजश्री के साथ ब्रह्मचारी और दो दिल में भी काम किया है। इन दोनों फिल्मों में राजश्री मुख्य भूमिका में है। राजश्री ने शादी के बाद जब अचानक फिल्मों में काम करना छोड़ दिया, तब व्ही. शान्ताराम ने अपनी फिल्म बूँद जो बन गई मोती में राजश्री से बदले मुमराज को नायिका की भूमिका में लिया।

सोमवार, 3 अगस्त 2020

सोने की चिड़िया (1958)

निर्देशन: शाहिद लतीफ
कहानी: इसमत चुगताई
अभिनय: नूतन, बलराज साहनी, तलत महमूद, धूमल
गायन: आशा भोसले, मोहम्मद रफी, तलत महमूद
गीत: साहिर लुधियानवी, कैफी आजमी
संगीत: ओ पी नय्यर


मुमताज ने बचपन से ही फिल्मों में काम करना शुरू कर दिया था। इस फिल्म में मुमताज अन्य बच्चों के साथ एक गाने में दिखाई पड़ती है।

गीतः छुक छुक रेल चली



गाने के अन्त में मुमताज जब नूतन की ओर देखती है तब वे क्या सोच रही होगी...

आप पूरी फिल्म यूट्यूब पर देख सकते है।



सोने की चिड़िया के अलावा मुमताज तलाक (1958) और जमीन के तारे (1960) में एक-एक गाने में काम किया है। क्या आपने उसे देखा...

फिल्म:  तलाक (1958) 

निर्देशन: महेश कौल
अभिनय: राजेन्द्र कुमार, कामिनी कदम, 
गायन: आशा भोसले
संगीत: सी. रामचन्द्र

इस फिल्म में भी मुमताज एक गाने में अन्य बच्चों के साथ बैठी हुई है।



फिल्म: जमीन के तारे (1960)


निर्देशन: चन्दुलाल शाह
अभिनय: डेजी ईरानी, हनी ईरानी, मोतीलाल, आगा, अचला सचदेव, टुनटुन
गायनः मोहम्मद रफी, आशा भोसले, सुधा मल्होत्रा
संगीतः एस. मोहिन्दर

इस फिल्म के क्रेडिट्स में मुमताज का नाम है, लेकिन क्या आप ने इस फिल्म में मुमताज को देखा। 

पूरी फिल्म यूट्यूब पर उपलब्ध है।



रविवार, 2 अगस्त 2020

Mumtaz, The Best!!

Mumtaz
Mumtaz, one of the best actress, she ruled the Bollywood in 1960's and 1970's. She continues lighten in our hearts with her innocent smile and charm us with her inquisitive beauty. 
Mumtaz was born in 31 July 1947 in Bombay. Her parents Abdul Saleem Askari (a dry fruits vendor) and Shadi Habib Agha who hailed from Shiraz, Iran and settled in Bombay.

She started working in Hindi films as a child artist to . During her initial years, she worked in every movie she was offered doing odd roles, like a teenage girl selling bananas in streets in Vallah Kya Baat Hai (1962). In this movie she tactfully handles flirts to increase her sales.

She appeared opposite Dara Singh in Faulad (1963) as a main lead. Together they worked in 16 movies, most of them were successful. She gives full credit to Dara Singh for her career.

Her life is a source of inspiration for all us. This blog is only her impression on my heart. 

Mumtaz, the best!!



शनिवार, 1 अगस्त 2020

मुमताज मूवी क्लब



मुमताज की कई फिल्में आनलाइन उपलब्ध है। लेकिन कुछ फिल्में साफ नहीं है और कुछ फिल्में कहीं भी उपलब्ध नहीं है। इसलिए मुमताज के प्रशंसकों का एक मूवी क्लब होनो चाहिए, जहाँ वे आपस में मुमताज  की फिल्में आपस में शेयर कर सके। इसी उद्देश्य से मुमताज की उपलब्ध फिल्मों की सूची यहाँ दी गई है। अगर आपके पास कोई अनुलब्ध फिल्म है तो अवश्य बताए।
वर्षफ़िल्मOnlineCD / DVD 
1958सोने की चिड़ियाYoutube
1961स्त्रीVCD
1962वल्लाह क्या बात हैJio Cinema
1963सेहराZee5
1963रुस्तम सोहराब (*)Youtube
1963मैं शादी करने चला
1963मुझे जीने दो (*)Youtube
1963गहरा दाग (*)Youtube
1963फौलादYoutubeJio Cinema Airtel Xtreme
1964वीर भीमसेनYoutubeVCD
1964समसॅनYoutubeZee5DVD
1964कव्वाली की रातYoutube
1964आँधी और तूफान (*)Youtube
1965टारजन और किंग कॉगYoutube
1965टारजन दिल्ली में
(Tarzan Comes to Delhi)
Zee5
1965खाकान
1965जवान मर्द
1965सिकन्दर-ए-आज़मYoutube
1965रुस्तम-ए-हिन्दYoutubeDVD
1965राका
1965मेरे सनमYoutube
1965खानदानYoutube
1965काजलYoutube Jio Cinema
1965हम दीवाने
1965दो दिलYoutubeDVD
1965बॉक्सर
1965बहू बेटीYoutube
1966ये रात फिर ना आयेगीYoutube Zee5 Jio CinemaDVD
1966सावन की घटाYoutube Prime Video Jio Cinema
1966साज और आवाज
1966रुस्तम कौनYoutube Jio Cinema Airtel Xtreme
1966प्यार किये जाYoutube
1966प्यास (*)Youtube
1966पति पत्नीYoutube Jio Cinema
1966लड़का लड़कीYoutubeDVD
1966डाकू मंगल सिंह
1966दादी माँYoutube
1966सूरजYoutube Prime Video Airtel Xtreme VCD
1967वो कोई और होगाYoutube
1967राम और श्यामYoutubeJio Cinema
1967पत्थर के सनमPrime Video VCD
1967हमराज़YoutubePrime Video VCD
1967दो दुश्मनYoutube
1967सी. आई. डी. 909YoutubeDVD
1967चन्दन का पालनाYoutube
1967बूँद जो बन गई मोतीZee5
1967बगदाद की रातें
(Panic in Baghdad)
1967आगYoutube
1968मेरे हमदम मेरे दोस्त

1968जंग और अमन (*)Youtube
1968गोल्डन आईज़ सिक्रेट एजेंट 077 (*)Youtube
1968गौरीYoutubeJio Cinema
1968ब्रह्मचारीPrime VideoMx Player
1969शर्तYoutube
1969जिगरी दोस्तYoutube Jio Cinema Airtel Xtreme
1969दो रास्तेYoutube Prime VideoJio CinemaDVD
1969बंधनYoutube
1969आदमी और इंसानYoutubePrime Video VCD
1970सच्चा झूठाYoutubeDVD
1970परदेशीYoutube
1970खिलौनाYoutube
1970हमजोलीZee5
1970हिम्मतZee5 Jio Cinema Airtel Xtreme
1971एक नन्हीं मुन्नी लड़की थीYoutube
1970भाई भाईYoutubeDVD
1970माँ और ममताYoutube Zee5
1971मेलाYoutubeDVD
1971लड़की पसन्द हैYoutube VCD
1971कठपुतलीYoutube 
1971एक नारी एक ब्रह्मचारीYoutube  Airtel Xtreme
1972चाहतYoutubeDVD
1972उपासनाZee5
1971तेरे मेरे सपनेYoutubeVCD
1971हरे रामा हरे कृष्णा
1971दुश्मनYoutubeJio Cinema Airtel Xtreme DVD
1972ताँगेवाला
 DVD
1972शरारत
1972प्यार दीवानाYoutube Jio Cinema Airtel Xtreme DVD
1972गोमती के पारYoutubeMx PlayerAirtel XtremeVCD
1972धड़कन

1972अपराध
 DVD
1972अपना देशYoutubeZee5 DVD
1972रूप तेरा मस्तानाYoutubeZee5
1973प्यार का रिश्ताYoutube
1973बंधे हाथYoutube
1973लोफर YoutubeZee5 DVD
1973झील के उस पारVCD
1974चोर मचाये शोरYoutubeZee5VCD
1974आप की कसमYoutube
1974रोटीYoutubeMx PlayerJio Cinema  Airtel XtremeDVD
1975प्रेम कहानीJio Cinema DVD
1975लफंगेYoutubeDVD
1975आग और तूफान
1976नागिन Youtube Mx PlayerVCD
1977आईनाYoutubeVCD
1990आँधियाँYoutube
20101 अ मिनट
DVD
* Low resolution video.