शनिवार, 1 अगस्त 2020

सर्वश्रेष्ठ मुमताज !!

Mumtaz

हिन्दी सिनेमा की एक सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री, नर्तकी और सशक्त महिला है। मुमताज ने बचपन से फिल्मों में काम करना शुरू दिया था और अपनी प्रतिभा के बल पर शीर्ष पर जा पहुँची। उन्होंने 1970 में फिल्म खिलौना के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का पुरस्कार मिला।

मुमताज के माता-पिता शिराज (ईरान) से आकर बम्बई (अब मुम्बई) में बस गये थे। मुमताज का जन्म 31 जुलाई 1947 को बम्बई में हुआ। माता का नाम शदी हबीब आगा और पिता का नाम अब्दुल सलीम अस्करी है। मुमताज के जन्म के एक वर्ष के बाद ही दोनों में तलाक हो गया था। 

अपने फिल्मी जीवन में अपार सफलता के बीच में 1974 में मुमताज के विवाह से मयूर मधवानी कर लिया और लंदन जाकर बस गई। मुमताज को दो बेटियाँ है -- तान्या और नताशा। नताशा का विवाह फिरोज खान के पुत्र फरदीन खान से हुआ।

2001 में मुमताज को स्तन कैंसर हो गया था। कीमो के दौरान उनका थायरॉड निकलना पड़ा और लीवर भी खराब हो गया। अन्त में मुमताज ने कैंसर को हरा ही दिया।

मुमताज की छोटी बहन का नाम मल्लिका है। उसका विवाह मशहूर पहलवान और फिल्मी कलाकार दारा सिंह के भाई रंधावा से विवाह हुआ।


मुमताज का फिल्मी जीवन


आरम्भिक दौर


मुमताज के फिल्मी जीवन का आरम्भ बाल कलाकार के रूप में हुआ। बाल कलाकार के रूप में मुमताज ने सोने की चिड़िया (1958), तलाक (1958) और जमीन के तारे (1960) में काम किया।

मुमताज ने सन्धया और वी. शान्ताराम के साथ स्त्री (1961) और सहरा (1963) में काम किया।

अपने फिल्मी जीवन के आरम्भ में मुमताज ने अनेक फिल्मों में छोटी-बड़ी सभी भूमिकाएँ की। वल्लाह क्या बात में वे 15 वर्ष की किशोरी मुमताज केले बेचती दिखाई देती है। गहरा दाग (1963) और मुझे जीने दो (1963) में बहन बनी।;

मुमताज और दारा सिंह


मुमताज अपने फिल्मी जीवन का सारा श्रेय दारा सिंह को देती है। 15 साल की मुमताज फौलाद (1963) में दारा सिंह की नायिका (राजकुमारी) बनी। मुमताज ने दारा सिंह के साथ कुल 16 फिल्में की है जिसमें सेमसन (1964), वीर भीमसेन (1964), आँधी और तूफान (1964), सिंकदर-ए-आजम (1965), रुसतम-ए-हिन्द (1965) , राका (1965) , बाक्सर (1965),  डाकू मंगल सिंह (1966) , टारजन कम्स टू दिल्ली (1965), जंग और अमन (1967)।

दारा सिंह के भाई रंधावा के साथ टारजन और किंगकांग (1965) और रुसतम कौन (1966) में काम किया।

इन छोटी-छोटी भूमिकाओं में भी मेरे सनम (1965) और ब्रह्मचारी (1966) में मुमताज ने अपनी उपस्थिति  से दर्शकों का ध्यान खींचा।

मुमताज और शर्मिला टैगोर


सावन की घटा (1966), ये रात फिर न आयगी (1966) और मेरे हमदम मेरे दोस्त (1967) में मुमताज और शर्मिला टैगोर आमने सामने है। इन तीनों फिल्मों में मुख्य नायिका शर्मिला है लेकिन पहली दो फिल्मों में मुमताज ने शर्मिला का पीछे छोड़ दिया है।

मुमताज और वहीदा रहमान

पत्थर के सनम (1967) और राम और श्याम (1967) में मुमताज का सीधा मुकाबला वहीदा रहमान से है। 

मुमताज और राजेश खन्ना


मुमताज और राजेश खन्ना की पहली फिल्म दो रास्ते (1969) है। इसके बाद इस जोड़ी ने एक के बाद एक सफल फिल्में की  जिनके नाम है -- बन्धन (1969), सच्चा झूठा (1970), दुश्मन (1971), अपना देश (1972), आप की कसम (1974), रोटी (1974) और प्रेम कहानी (1975)।

मुमताज और फिरोज खान


मुमताज ने फिरोज खान के साथ भी कई सफल फिल्में की। जिनमें सी.आई.डी 909 (1967), आग (1967), आदमी और इनसान (1969), मेला (1971), अपराध (1972) और नागिन (1976) शामिल है।

मुमताज और संजय खान की फिल्मे -- शर्त (1969), मेला (1971), उपासना (1971) और धडकन (1972)

मुमताज और जितेन्द्र

जितेन्द्र के साथ मुमताज की पहली फिल्म है -- बूँद जो बन गई मोती (1967)। इसके अलावा मुमताज ने जितेन्द्र के साथ जिगरी दोस्त (1969),  हिम्मत (1970), चाहत (1971) माँ और ममता (1971), कठपुतली (1971), एक नारी एक ब्रह्मचारी (1971) और रूप तेरा मस्ताना (1972) की है।

संजीव कुमार के साथ 1970 की फिल्म खिलौना के लिए मुमताज ने फिल्मफेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का पुरस्कार जीता। 

मुमताज और धर्मेन्द्र


मुमताज ने लोफर (1973) और झील के उस पार (1973)  धमेन्द्र के साथ नायिका की भूमिका अदा की।

मुमताज ने महमूद के साथ अनेक छोटी-बड़ी फिल्में की है जिसमें काजल (1965), दो दिल (1965), पति-पत्नी (1966) और प्यार किए जा (1966) शामिल है।


मुमताज और किशोर कुमार

मुमताज ने किशोर कुमार के साथ दो फिल्में  -- लड़का-लड़की (1966) और प्यार दीवाना (1972) साथ की है ।


मुमताज और विश्वजीत

मुमताज ने  विश्वजीत के साथ परदेशी (1970) और शरारत (1972) में नायिका की भूमिका करने से पहले मेरे सनम (1965) और दो दिल (1965) में साथ काम किया है।


मुमताज और सुनील दत्त

मुमताज ने गौरी (1968) और भाई-भाई (1970) में सुनील दत्त के साथ नायिका की भूमिका करने से पहले मुझे जीने दो (1963), खानदान (1965), हमराज (1967) और चाहत (1971) में भी काम किया है।

मुमताज और  राजेन्द्र कुमार

तांगेवाला (1972) से राजेन्द्र कुमार के साथ नायिका की भूमिका करने से पहले भी मुमताज राजेन्द्र कुमार के साथ गहरा दाग (1963) और सूरज (1966) में साथ काम कर चुकी है।


मुमताज और देवानन्द

देवानन्द के साथ मुमताज की दो फिल्में हरे रामा हरे कृष्णा (1971) और तेरे मेरे सपने (1971) मुमताज की मनपसंद फिल्में है।

मुमताज और अन्य  फिल्मी सितारे

इसके अलावा मुमताज ने  प्रेमनाथ के साथ रुस्तम सोहराब (1963),  देवन वर्मा के साथ कव्वाली की रात (1964), सुधीर के साथ प्यास (1966), समीर खान के साथ प्यार का रिश्ता (1973), अमिताभ बच्चन के साथ बन्धे हाथ (1974), रंधीर कपूर के साथ लफंगे (1976), शम्मी कपूर के साथ चोर मचाए शोर (1974)।



आईना मुमताज की आखिरी फिल्म


आईना (1977) मुमताज की आखिरी फिल्म है। रूढिवादी समाज को आईना दिखाने वाली यह फिल्म मुमताज की मनपसन्द फिल्मों में से एक है। 

मुमताज और शत्रुध्रन सिंहा

मुमताज ने 1990 में शत्रुध्न सिंहा के साथ आँधियाँ (1990) ने फिल्मों में वापिसी की कोशिश की थी लेकिन यह फिल्म बुरी तरह पिट गई।



मुमताज की मनपसंद फिल्में


मुमताज की सुपर हिट फिल्में


मुमताज की सभी फिल्में



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