
निर्देशन: राज खोसला
निर्माताः लेखराज खोसला
कहानीः चन्द्रकान्त ककोड़कर
अभिनय: बलराज साहनी, कामिनी कौशल, राजेश खन्ना, मुमताज, प्रेम चोपड़ा, बिन्दु, वीना, असित सेन, लीला मिश्रा, जयन्त, मोहन चोटी, महमूद जूनियर,
गायन: लता मंगेश्कर, मोहम्मद रफी, मुकेश, किशोर कुमार
गीत: आनन्द बक्शी
संगीत: लक्ष्मीकान्त प्यारेलाल
श्रेणीः पारिवारिक, रोमांस, गीत-संगीत
दो रास्ते राजेश खन्ना और मुमताज की पहली सुपर हिट फिल्म है। इसके बाद राजेश खन्ना और मुमताज ने एक के एक सुपर हिट फिल्मे की।
यह फिल्म तीन भाइयों की कहानी है। सबसे बड़ा भाई बलराज के पिता ने मरते समय बलराज के पास एक सौतेली माँ, दो सौतेले भाई और एक सौतेली बहन और मकान छोड़ा था। बलराज ने अपने सौतले भाइयों को कर्ज के लेकर पढ़ाया। लेकिन प्रेम शादी के बाद अलग हो जाता है और पढ़ाई के लिया हुआ कर्ज चुकाने से मना कर देता है। कर्ज न चुका पाने के कारण पुश्तैनी मकान नीलाम हो जाता है।
गीतों भरी कहानी
इस फिल्म में मुमताज और राजेश खन्ना पर फिल्माए गए सभी गीत बहुत लोकप्रिय है और फिल्म के मुख्य आकर्षण है। फिल्म की कहानी गीतों के सहारे आगे बढ़ती है। फिल्म का आरम्भ राजेश और मुमताज की नोंकझोक से होती है और पहला गाना कॉलेज पिकनिक में जहाँ राजेश खन्ना ने अपने दोस्तों के साथ मुमताज को पटाने की शर्त लगाई है...
ये रेश्मी जुल्फे

लेकिन जल्दी ही यह शरारत प्यार में बदल जाती है और ...
छुप गए सारे नजारे

और फिर मुमराज की बारी आती है राजेश को सताने की...
बिन्दिया चमकेगी

अंत में
मेरे नसीब में ऐ दोस्त

मुमताज ने कई एक्शन फिल्मों में काम किया है लेकिन इस फिल्म में मुमराज ने रोमांस के सिवा कुछ नहीं किया है। जब उसकी माँ अपनी बड़ी बेटी बिन्दु के घर में आग लगाने की योजना बना रही है, तब मुमराज अपने पिता के साथ शतरंज खेल रही है।

और जब राजेश अपने भाई प्रेम और भाभी बिन्दु से लड़कर हस्पताल में बेहोश पड़ा है, तब भी मुमराज ने कुछ नहीं बोलती।

फिल्म में क्या बोलना है और क्या करना है, यह सब निर्देशक के हाथ में ही है। इसलिए इसके लिए मुमराज को दोष देना उचित नहीं है।

कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें